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Tuesday 26 November 2013

बस इतनी सी हसरत हैं :-))

तुम आ गए ना............. 
हां मुझे पता था कि तुम जरुर आओगे 
"उम्मीदों से ही तो यह जिंदगी हसीं है :-))"
वैसे भी माँ ने बचपन में बताया था कि 
सुबह का भुला ,शाम को जरुर लौट आता है :-))

बहुत सारी बातें जेहन में आती है पर
चाहकर भी सब लिखी नहीं जाती 
कितना भी समेट लू ,कुछ तो छूट ही जाता है 
कितना भी थाम लू पर 
यह वक़्त मुठ्ठी से फिसल ही जाता है 

बस फिर\भी\कभी-कभार अनमने मन से कुछ लिख ही लेती हुँ 
अपनी डायरी और जिंदगी दोनों के खाली  पड़े पन्नों पर :-))
और वैसे भी अभी मैं बच्ची हुँ सो 
मुझे बड़ो जैसी बातें नहीं करनी आती !!!!!!!!
अभी मैं बहुत जीना चाहती हुँ यू ही खामखां और बेवजह 
मैं अपनी जिंदगी को हर रोज एक नये रंग में रंगना चाहती हुँ 
मैं अपने परों को और ज्यादा फैलाना चाहती हुँ 
इन्हे फड़फड़ाना चाहती हुँ ,और बहुत दूर तक उड़ना चाहती हुँ :-))
बहुत कुछ चाहती हु जिसे लफ्ज़ों में बयां नहीं किया जा सकता :-))

4 comments:

Ranjana verma said...

अपनी उड़न भरे नभ में...... बहुत खूबसूरत हसरते ...

Http://meraapnasapna.blogspot.com said...

lot of thanks mam:-))

Alpana Verma said...

अब यही हौसला 'आसमान छू लेने का बना रहे .शुभकामना .

Http://meraapnasapna.blogspot.com said...

shukriya mam..:-)