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Wednesday 4 May 2016

कुछ अनकही सी बातें

Dear X नहीं नहीं तुम्हें X कहना ठीक नहीं रहेगा और तब तो बिल्कुल भी नहीं जब तुम्हारी व मेरी पहली मुलाकात भी नहीं हुई हो, और शायद अपने बिच पहला व आखरी कुछ ना होना, सब कुछ सिर्फ और सिर्फ अधुरा होगा बस....
पता नहीं यह तुम्हें लिखने का सिलसिला कब तक चलता रहेगा, पर इसे मैं हमेशा जारी रखूंगी क्यूंकि मैं तुम्हें आये-गए लोगों में शामिल नहीं होने देना चाहती, सच में मैं तुम्हें नहीं भुलाना चाहती!!
तुम बुरे हो.....हां यक़ीनन हो तभी तो देखो तुम्हारा दिन कट जाता हैं मुझे बिना याद किए ही, तुम्हारे सम्बन्ध भी रहें होंगे ओरों के साथ अब मुझे इसमें भी कोई शक नहीं हैं....तुमने बहुतों को खूब सारे सपने भी दिखाए ही होंगें बेशक....तुम ना सच्ची इन्सान नहीं हो, कभी कभी मुझे लगता हैं तुम्हारा मकसद महज कुछ चीजें ही हैं , जैसे खूब सारा पैसा, गाड़ी, बंगला व ढेर सारी मस्ती बस....तुम ना रिश्ते नहीं जानते, दूसरों का मन रखना भी नहीं समझते, तुम्हें तो पता भी नहीं हैं कि मैंने बीते दिनों में तुमसे कितनी मुहब्बत की हैं यह नहीं हैं कि मैंने पहली बार की हैं यह मुहब्बत नहीं नहीं....खूब सारे लोग मिलते हैं ज़िन्दगी में जो बहुत अच्छे लगते हैं, पर तुम पहले थे जिसके साथ लगा सारी उम्र जी पाऊगी, जिसके लिए कुछ ना बदलकर भी मैंने बहुत कुछ अलग बना लिया था, अपने विचार, अपना रहना-करना सब तुम्हारी वजह से बदल रहा था, पर कभी कभार इन्सान गलत हो जाते हैं उन्हें मौका रहते अपनी गलतियों को सुधार लेना चाहिए, तुम्हारी वजह से मैंने अपनी ज़िन्दगी के सबसे करीब इन्सान को तकलीफ दी हैं पिछले दिनों में, तुम्हारी वजह से मेरे अपने रूठे हैं मुझसे पहली दफ़ा....कुछ भी कहो पर तुम गलत थे, और तुमने खूब सारी शायद गलतियां की हैं....मैं कितना भी पॉजिटिव क्यों ना सोचूं पर अब हमारी राहें अलग प्यारे...तुम हमेशा याद रहना!!!
प्यारे सलाह दूंगी अभी भी वक़्त हैं संभल जाना, बुरे का अंजाम हमेशा बुरा ही होता हैं, मेरा तुम पर कुछ भी कहने का कोई हक़ नहीं फिर भी कह देती हूँ कुछ अच्छा-बुरा.....क्यूंकि मैंने तुम्हें अपना कुछ वक़्त दिया हैं...एक पल को ही सही पर सच में तुमसे मुहब्बत की हैं, एक बार ही सही पर तुम्हें अपने बहुत करीब पाया हैं, बहुत कुछ लिखना हैं पर लिखते रहेंगें धीरे-धीरे.....तुम्हारी दुनिया में ना आना ठीक ही साबित होगा वरना तुम्हारी सारी बातें व हरकतें मेरा यह भोलापन छीन लेती तय हैं...!!

फिर लिखूंगी तुम्हारे नाम.....

6 comments:

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

कोमल भावनाओं का स्पर्श करती पोस्ट !
सच कहूं - अच्छा लगा आपकी पर्सनल डायरी में ताक-झांक करना
;)

मैं कविता लिखने की सलाह नहीं दूंगा
क्योंकि आपका गद्य लेखन आकर्षक है

हृदय से शुभकामनाएं

Http://meraapnasapna.blogspot.com said...

Hmmmm....
Thank u so much sir😊😃

Unknown said...

Wah,,,!!!
Kya likhte ho,,,

डॉ. मोनिका शर्मा said...

मन को छूने वाली बातें हैं :)

Http://meraapnasapna.blogspot.com said...

😊

Http://meraapnasapna.blogspot.com said...

AAPKE man ko chua...mera likhna sarthak hua...yu hi sneh banaye rakhe di😊😃