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Friday 8 November 2013

मैं परेशां :-((

आज मैं बहूत दुःखी हू ,पर पता नहीं क्यों ?????
आज मैं दिल खोलकर जोर-2 से रोना चाहती हू
ए-दिल तू उसे भूल क्यों नहीं जाता ?????
बहूत सारे सवालों के जवाब ढूंढने हैं
पर मिल नहीं पा रहे हैं मुझे समझ में नहीं आता
यह जिंदगी इतनी अजीब पहेली क्यों हैं ?????
बचपन से आदत है जब दुखी होती हू
रोकर दिल हल्का कर लेती हू बस आज तक कोई
दूसरा उपाय नहीं मिला :-(
मुझे समझ में नहीं आता कि यह जिंदगी ऐसी क्यूँ है-
(a )-मैं जब भी आसमां छूने की बातें करती हू कि
जमीं पर आईना दिखा देता हैं मेरा अक्श मुझे :-)
मैं खुशियों की चाह में भटकती हू
पर क्यों हर मोड़ पर मेरा रिश्ता गम से जुड़ जाता हैं ????

हर कोई इस दूनिया में खुश है और
मैं हमेशा खुशियों के बारे में सोचती हू फिर भी
दुःख ,दर्द और तकलीफ से ही मेरा रिश्ता इतना गहरा क्यूँ हैं ?????
भाई सच कहता है कि मेरी यही सबसे बड़ी प्रॉब्लम हैं कि
मैं या तो फ्यूचर की फिक्र कर बैठती हू या फिर
पास्ट में चली जाती हू :-(
भगवानजी जानते है कि मुझे बेवजह कुछ दर्द मिला है
जिसकी मैं हक़दार नहीं खैर मुझे पूरा विश्वास हैं कि
भगवानजी सब अच्छा ही करेंगे :-))!!!!!!!!!!
बस आज बहूत रोना रो लिया आई थिंक यही काफी हैं
वरना कहीं मेरे घर में आंसुओं से ही बाढ़ ना आ जाए lol !!!!!
खैर इन सब में भगवानजी की कोई गलती नहीं हैं
क्यूंकि अक्सर मैं भी तो दुःख ,दर्द और तकलीफ से रुबरू होने
की ख्वाहिश किया करती थी सो
बस भगवानजी ने तो मेरी विश पूरी की हैं :-))
थैंक यू भगवानजी लव यू :-))!!!!!!!!!!!!

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