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Friday 30 May 2014

जिया जाए ना :-)

आज सुबह से विचार करते-२ ही थक गयी कि पोस्ट अपडेट करू या नहीं :(
खैर फाइनली दिल का साथ दे रही हू 
हमेशा से मुझे लगता हैं कि जो इंसान सोंग्स लिखता हैं 
वो हीरो से भी बड़ा होता हैं, बहुत दिमाग वाले होते हैं भई यह लोग :-)
इनका एक्टिंग करने में कुछ नहीं जाता पर 
खुदा ही जाने कैसे गाने लिखने वाला भावनाओं को शब्द देता हैं :-)
शब्द भी ऐसे देखो ना सच्ची हर सिचुएशन पर परफेक्ट मैच होते हैं !!
मेरे जैसे लोग तो मूवी बिना देखे ही खुश रह सकते हैं 
पर प्लीज भगवानजी सोंग्स से दूरियाँ 
अहा! यह दुरी सही जाये ना............
वैसे यह बात नहीं हैं कि मुझे बेहूदा गाने भी अच्छे ही लगते हैं 
हुह बेशक शीला की जवानी ,मुन्नी बदनाम हुई etc मेरी लिस्ट में तो कभी नहीं हो सकते 
खैर वो आइटम हैं जी और आइटम जैसे नाम को भी हैंडल
 करने की हिम्मत नहीं हैं अपनी तो गाने तो फिर बहुत बड़ी बात हैं :-)
लगता हैं इंसान को प्यार होना जरुरी हैं जिंदगी में 
प्यार इंसान को अच्छा बना देता हैं 
रिश्ते-नाते समझा देता हैं 
इंसान को संवेदनशील बना देता हैं 
देखिए आप हर जगह सिनेमा को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते 
सोचो अगर यह नहीं होता तो 
क्या हम किसी का दिल टूटने पर उसे देवदास कहकर छेड़ पाते ??
कितना अच्छा किया हैं सिनेमा ने हमें हर पल गुनगुनाने का मौका दिया हैं 
हंसो तो गाओ- पार्टी ओन माय माइंड या पार्टी आल नाईट 
रोते-२ भी गा सकते हो-मेरा मन माने ना कि वो था बेगाना। ……………। 
किसी को बेपनाह चाहने पर-क्यूंकि तुम ही हो (मुझे कुछ ज्यादा ही अच्छा लगता हैं यह)
किसी के इंतज़ार में गुनगुनाओ-मिलेंगे-२ ,आपसे यक़ीनन मिलेंगे 
ओहो आप थोड़े परेशान हो ओके आपके लिए भी हैं-रब्बा किस्मत के दरवाज़े अब तो खोल-खोल-खोल.………रब्बा और सहा ना जाए कुछ तो बोल-बोल-बोल :-)
कोई कुछ ना कह पाए तो-तूने जो ना कहा मैं वो सुनता रहा खामखां-बेवजह ख्वाब बुनता रहा 
(यह सॉन्ग उफ्फ शायद मेरे अलावा भी बाकी सभी को भी बेहद पसंद हैं)
अगर आज तक आप जी नहीं पाए हो तो यह भी गुनगुना सकते हो 
जीने लगा हु पहले से ज्यादा,पहले से ज्यादा...................
और साँस में सांस मिली तो मुझे सांस आई ,
हां बेशक इतनी देर तक तो अटकी हुई ही थी बस जान ही नहीं निकल पायी थी :-)
गौर फरमाइए कि दिल तू ही बता कहाँ था तू छुपा 
अरे बाबा मुझे तो अभी भी कहीं नजर नहीं आ रहा हेहेहे !!
वन मोर सॉन्ग अहम् जो हमेशा से मेरे दिल के बेहद करीब रहा हैं 
जाने नहीं देंगे तुझे फ्रॉम थ्री इडियट्स :-)
उफ़ सोंग्स की लिस्ट कुछ ज्यादा ही बड़ी नहीं हो गयी क्या ??
खाश मैं भी मेरे अपनों के लिए गाने लिख पाती हम्म :-)
कृपया ध्यान दें हम्म 
तो क्या इतनी देर आपका ध्यान मेरी पोस्ट पर नहीं था ??
हाहाहा बावली सारिका !!
मेरे सिर चढ़कर हल्ला मचा रहा हैं इन दिनों 
"मेरे मुस्कुराने की वजह तुम हो ,
मेरे गुनगुनाने की वजह तुम हो ,
मेरे जीने की वजह तुम हो :-)"
अब इसमें थोड़ा हम भी मशाला मिला देते हैं 
ताकि हमारी लेटेस्ट इच्छा कि किसी अपने के लिए लिखू पूरी हो जाए 
मेरी बेपनाह चाहत की वजह तुम हो 
मेरे अच्छेपन की वजह तुम हो 
मेरी दीवानगी की वजह तुम हो 
मेरे पागलपन की वजह तुम हो 
मेरे सांस लेने की वजह तुम हो 
मेरे जीने की वजह तुम हो मेरे प्रिय :-)
ध्यान रखना कहीं जान ना चली जाए मेरी 
वरना बेशक मेरे प्रिय मेरे मरने की वजह बनोगे तुम :(
हम्म ज्यादा ही सेंटीनूमा हो गया :-)
आज दिल शायराना-२ लगता हैं अरे नहीं बाबा आज तो यह पहले से ही हैं शायराना :-)
बस अब कहीं आप साड़ी के फॉल सा गिरा ना देना 
वरना मैं कहूँगी तुम जो ना आते तो अच्छा होता, आके जो ना जाते तो अच्छा था !!!
अरे भई बस पोस्ट तो यू ही……कहना तो यह था कि गाने सुना कीजिए 
वक़्त-बेवक़्त ऑफ्टर ऑल इतने बुरे वी नी होन्दे हम्म :-)

जिंदगी कैसी हैं पहेली, कभी यह रुलाये ,कभी यह हंसाये अहा बेस्ट फॉरएवर :-)

Friday 16 May 2014

"रुक जाना नहीं कहीं तू हार के"…

जिंदगी में फैसले लेना सबसे मुश्किल होता हैं 
कितने लोगों की खुशियों का ख्याल रखना पड़ता हैं 
कितने लोगों की मुस्कुराहट आँखों के सामने घूम जाती हैं 
कितने बेसहारे से चेहरे दिल को दुखा जाते हैं 
हक़ नहीं होता हैं केवल अपना ही अपनी जिंदगी में 
बाकि लोगों की खुशियां व् जिंदगियां भी जुड़ी होती हैं हमसे :-)
सपनों का, मंजिल का, अपनों की खुशियों का कितना कुछ हैं 
जिसका ध्यान व ख्याल रखना पड़ता हैं 
पिछले कुछ दिनों से इस दिमाग पर कोई भूत सवार हो रखा हैं 
सो पापा कहते हैं कौनसे फील्ड में जाना चाहती हो तो 
मेरा जवाब होता हैं मैं बहुत पैसे कमाना चाहती हू 
मैं चाहती हू कि मेरा बहूत बड़ा रुतबा हो 
वो थोड़े चिंतित हैं कि मैं भला ऐसी बातें क्यों कर रही हू ??
लोग पूछते हैं हमसे प्यार करती हो तो 
फिर से मेरे उटपटांग जवाब मुझे प्यार करने का कोई हक़ व अधिकार ही नहीं हैं :(
दोस्तों से भी गीले-शिकवे बयां कर रही हू 
अपनों से भी समस्याएं हो रही हैं 
उफ्फ आजकल तो सबसे ज्यादा अपने आपसे भी :-)
आज मैं अपने ही लिए कहना चाहूंगी -
"रुक जाना नहीं कहीं तू हार के"……………
अब मेरे व मेरी मंजिल के बीच कोई नहीं आ सकता 
इरादें व उम्मीदें बिल्कुल साफ़ व नेक हैं 
ना किसी का प्यार मुझे बहका सकता हैं 
ना अपनों के आंसू रोक सकते हैं 
ना अपनों की मजबूरियाँ बीच राह में रोक सकती हैं 
ना मेरे लिखने का पागलपन मुझे ठहरा सकता हैं 
अब मैं अपनी जिंदगी को एक नई करवट लेने दूंगी 
अब मैं अपनी साँसों को थोड़ा गुनगुनाने दूंगी 
मीन्स मैं कुछ वक़्त के लिए सबके साथ-२ अपनी 
जिंदगी की सबसे प्यारी डायरी मतलब ब्लॉग से भी ब्रेक ले रही हू :-)

Tuesday 13 May 2014

एक दिन फ़िर उसके शहर में :-)

अहा जब हम नये हैँ तो अंदाज क्यों हो पूराना ??
इस बार काफी वक़्त बाद उसके शहर में जाना हुआ 
सीधी सी बात हैं मेरी नजरेँ तो उसे ही ढूँढ़ रही थी 
कि शायद कहीं फ़िर से वो पुराना ,जाना-पहचाना सा चेहरा नजर आ जाए 
नजरें टिकाए बैठी थी तुम्हारे इँतजार में कि 
तभी मुझे नजर आया वो ही चेहरा जिसे मेरी नजरें तलाश रही थी :-)
खैर तुमने मेरी तरफ़ देखा तक नहीं होगा, तुम्हें तो अंदाजा तक नही होगा कि 
मैं तुम्हारे आसपास थी भी अरे वैसे भी मैं तुम्हारे लिए तो अजनबी हू :(
याद हैं मुझे जब पहली बार तुम्हेँ देखा था 
हुह गिरते-२ बची थी मैं 
तुम्हें देखने से पहले सुन्दर ,खूबसूरत व स्वीट और मासूम 
जैसे शब्द केवल लड़कियों के लिए ही अच्छे लगते थे 
कभी-२ जब तुम मुझे धुप में नजर आ जाते तो 
तुम्हारा चेहरा उफ्फ देखने लाईक होता था :-)
काफी वक़्त के बाद भी मैं तो तुम्हारा नाम तक जानने में क़ामयाब नहीं हो पा रही थी 
कि मैंने फ़िर से मासूम बच्चों की तरह उस खुदा के पास अर्जी लगाई 
हे भगवानजी प्लीज मेरी हेल्प करो ना मैं उस इंसान को जानना चाहती हू 
यक़ीनन उस दिन खुदा ने मेरी हेल्प की और मेरी अर्जी कबूल हो गयी 
तुम्हारा नाम पहली बार कहीं नजर आया -सुमित अरोड़ा :-)
अहा तुम्हारा नाम भी मेरी उम्मीद से बेहतर था 
उस दिन बिना वक़्त जाया किये मैंने सारि सोशल साइट्स पर तुम्हें सर्च किया 
पर अफ़सोस कहीं भी तुम्हारा अकाउंट नहीं था 
मैं सोचने लगी ऐसा कैसे हो सकता हैं 
इसके बाद भी ना जाने कितनी बार राहों पर चलते हुए तुम मुझे मिलें होंगे 
खैर कुछ वक़्त बाद मुझे एहसास हुआ कि वो सब मेरे पागलपन से ज्यादा कुछ नहीं हैं 
इसलिए वक़्त के साथ-२ जिंदगी के हर सच को स्वीकार कर लिया था मैंने 
हम दोनों ही एक-दूसरे के लिए अजनबी थे पर फ़िर भी मैं 
तुम्हारे बारे में काफी कुछ जान ही गयी थी 
इवन तुम्हारी सबसे अच्छी दोस्तों को भी तो……………………… 
फिर मुझे भी लगा कि मैं तुमसे दोस्ती करके क्यूँ दुश्मनों की लीस्ट को और ज्यादा बढाऊ ??
अच्छा हुआ हम अजनबी रहे 
सच्ची अनकहा, अनजाना, अज़नबीपन वाला रिश्ता इस दुनिया में सबसे प्यारा होता हैं 
ना कोई शिकवा-शिकायतें और ना ही कोई अधिकार वाली बातें 
मैं यह सब सोच ही रही थी कि एक बाइक आकर मेरे पास रुकी 
उसने अपने सन ग्लासेज हटाते हुए कहा 
हाय i m sumit arora......पहचाना ???
हाहाहाहाहा मूझे काटो तो खून नहीं :-)
उफ्फ मैंने अपने आपको संभालते हुए जवाब दिया नहीं :(
और निकल पड़ी उन राहों जिन पर तुम मुझसे कभी नहीं टकरा सकते:-)

Sunday 11 May 2014

मैं क्या लिखूँ माँ ????

माँ आप मेरे लिए बेहद स्पेशल हो इसलिए आपकेँ लिए पोस्ट भी तो स्पेशल होनी चाहिए ना :-)
माँ सब लोग अपनी-२ माताओं को नयी-२ उपमाएं दे रहे हैं 
उन्हें तोहफे दे रहे हैं ,उनकी राहों में फूल बिछा रहे हैँ 
बाकि दिनों में माँ के हालचाल पता हो या नहीं लेकिन 
आज का सारा दिन वो अपनी माँ के साथ सेलिब्रेट करने के ख्वाब पाल रहे हैं :(
एक दिन में वो अपनी माँ के सारे क़र्ज़ चूका देना चाह रहे हैं 
हमेशा चाहे माँ से नौकरानी की तरह काम भले ही करवाते हो लेकिन 
एक दिन के लिए आज वो अपनी माँ को मालकिन बनाना चाह रहे हैँ 
माँ ज्यादा क्या कहू दुनिया का सच आप मुझसे कहीँ ज्यादा अच्छे से जानते हैं 
समझा करो कम से कम आज तो सभी यह दुनिया वालों को यह बताकर रहेंगें 
कि उनकी माँ दुनिया की सबसे बेस्ट माँ हैँ और वो सबसे बेस्ट बच्चे :-)
मेरे हिस्से के शब्द भी सभी ने बांट लिए होंगे 
अब आप ही बताओ कि आपकी तारीफ में मैं क्या लिखूँ ???
वैसे मैं हमेशा से पापा के ज्यादा क़रीब रही हू 
पर दूरियाँ कभी आपसे भी तो नहीं रही हैं :-)
माँ मैं अच्छी बेटी नहीं हू क्यूंकि 
मैँ बहुत सताती हू आपकों ,बहुत परेशां करती हुँ 
बात-बात पे नाराज हो जाती हुँ ,वक़्त-बेवक़्त आपका दिल दुखा देती हू 
खामखा-बेवजह आपकी हर अच्छी बात का भी बहुत बुरा मान जाती हूँ :(
ऐसी बहुत सी अनगिनत बातें हैं आप ही बताओ क्या-२ लिखू ??
मेरा रोना ,आपका सहलाना 
मेरा गिरना ,आपका सम्भालना 
मेरा बिखरना ,आपका समेटना 
मेरा टूटना ,आपका मुझे अपने अक्श से रुबरू कराना 
मेरा हर दर्द पर कराह उठना ,आपका उस दर्द के साये को भी मिटा देना 
मेरा ठहरना ,आपका मुझे आग़े बढने के लिए प्रेरित करना 
माँ ,माँ अब और नहीं लिखा जाता 
सच बड़ी किस्मत वाले होते हैं वो लोग जिनकी माँ होती हैं 
इसलिए आप हमेशा मेरे साथ रहना,मेरी अच्छी व प्यारी माँ :-)
आप अनमोल हो इसलिए मैं शब्दों में आपकी कीमत को भला कैसे बयां कर सकती हू ??
मैं क्या लिखूँ माँ आप ही बता दो ना 
शब्द सभी आप ही से तो सीखे हैं मैंने ,आखिर आप ही का तो अधीकार हैं इन सब पर :-)
माँ आपको हैं सब पता हैं ना माँ ???
लॉट ऑफ थैंक्स माँ फॉर बीइंग अ part ओफ़ माय लाइफ या 
फिर यू कहू फ़ॉर बीइंग माय ऑल लाइफ :-)

Friday 9 May 2014

शादी ,……शादी……शादी :-)

हाहाहाहाहा………ऐसा मत सोचिए कि कहीं मैं बावली तो नहीं हो गयी हूँ :-)
क्यूंकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ हैं :(
एक्चुअली पहली बार एक साथ इतनी सारी शादीयां देख रही हुँ 
सो बस थोड़ी सी एक्साइट हू ,हर पल खूशी से गा रा हैँ 
हम्म वैसे सही भी हैं कि मैं बावली हूँ 
क्यूंकि कभी-कभार मैं हद से ज्यादा खुश हो जाती हूँ तो 
कभी-कभार बेवजह अपनी खुशियों से मुँह मोड़ लेती हूँ :(
कभी-कभार किसी अपने को दुखी कर देतीं हू 
तो कभी-कभार किसी अपने की वजह से मैं बेहद दुःखी हो जाती हूँ :-)
खैर बात शादियों की हैं 
बहुत व्यस्त हूँ फ़िर भी वक़्त-बेवक़्त वक़्त से समझौता करके 
इस तीसरी दुनिया के लिए भी थोड़ा वक़्त निकाल ही लेती हूँ :-)
कल  मेरी पुरानी दोस्त सरोज मुवाल(चौधरी) की शादी थी 
सुबह के हालात ओर मेरे व राम के बिच क़ी नाराजगी को देखतें हुए 
मैं शादी में नहीं जाना चाहती थी पर मेरे पापाजी क़ी क़िसी बात 
को भला मैं कभी टाल सकती हू क्या ??
सुशील संग सरोज जस्ट वाओ……really they are made for each other...
सुशील जी बेहद sincere ,समझदार व् भले इँसान लगे मुझे :-)
हां कल मैने शादी के लिए कुछ बातें नोटिस की 
आफ्टरऑल किसी रोज हमारा भी तो नम्बर लगेगा 
हेहेहेहेहे.......इतनी बुरी भी नहीं होती हैँ शादी के बाद की दुनिया :-)
हां तो बातें यह हैं 
एक्चुअली जिस भी इंसान से शादी होगी  आइ जस्ट होप कि 
वो इंसान पहले मेरा यह ब्लॉग पढ़ लें कम से कम यह पोस्ट तो पढ ही लें :-)
हां तो जनाब आज तक मैंने शूज या फ्लैट चप्पल ही पहनीं हैं 
तो मेरे लाइक चप्पल लाने का ही कष्ट करें वरना 
कहीं सरोज की तरह मेरे कदम भी ना लड़खड़ा जायें 
वो जमाना गया जब इंसान की पहचान जूतों से होती थी समझेँ ??
प्लीज दुनिया के दिखावे से इतर मेरे बारे में भी सोचना और 
ड्रेस वैसी लाना जिसमें कम से कम वर्क हो ,जिसका वजन बेहद कम हो 
आपका रिश्ता मुझसे होगा ना कि कपड़ों से और इस दुनीया के दिखावे से ,हैँ ना ??
चूड़ियाँ हाहाहाहा लें आना जितनी चाहों उतनी मुझे बहूत पसन्द हैं :-)
प्लीज सोने से थोड़ी दूरी बनाकर ही रखना क्यूंकि मैँ अपनी नींद नहीं खो सकति :-)
हां बिच राहों में मेरा हाथ कहीं नहीं छोड़ना जैसे कि फेरों के वक़्त नहीं छोड़ोगे:-)
सच मैं हर चीज़ सह सकती हूँ पर अपनों से दूरियाँ नहीं :-)
अगर आप मेरे लिए अच्छे हो तो बेशक मैँ आपके लिए ऊससे कहीँ ज्यादा अच्च्छी बनकर रहूँगी :-)
हां मेरे पापा से दहेज मत लेना ना हाहाहाहाहा मुझे पढ़ा दिया काफि नहीं हैँ क्या ??
और डोंट वरी मैं खुद कमाकर अपना व अपनों का पेट भर सकती हूँ :-)
हां सरोज ने विदाई के वक़्त अपनी आँखों में एक आंसू तक़ नही आने दिया 
प्राउड ऑफ यू सरोज ,जिस दिन जरुरत हो तब मुझे भी इतनी सी हिम्मत दे देना प्लीज :-)
कुछ तो लोग कहेंगे ,लोगों का काम हैं कहना 
एक्चुअली हमारे यहाँ रस्म हैं विदाई के वक़्त रोने की सो :-)
हां अगर आपने कभी गांव की शादी नहीं देखीं हैं तो 
कर लीजिए मुझसे दोस्ती क्यूंकि मैं हू रहने वाली गांव क़ी 
तो आपको बुलाऊगी भी ओर गांव की शादी भी दिखाऊगी वक़्त आने पर :-)
अमेजिंग मोमेंट्स एक डीजे साउंड के पीछे……………देखेंगे तब समझेंगे :-)
उफ्फ पता नहीं मैं लिखते वक़्त भी ईतना गोल-२ क्यों घूम जाती हू ??

फाइनली लग रहा हैं इस पोस्ट को पब्लिश की जगह सेव कर देना चाहिए :(
हेहेहेहेहेहे :-)
नहीं बाबा अगर सेव कर दिया तो वो मेरा ख्याल कैसे रखेंगे ??

Wednesday 7 May 2014

ऐसा क्यों होता हैं....

जिंदगी को कभी भी सवाल-जवाबों में नहीं तराशना चाहिए 
हमेशा ऐसा क्यों होता हैं अच्छे लोगों के साथ ही बुरा क्यों होता हैं ??
जो मासूम लोग होते हैं खुदा उन पर अपनी रहमत बिखेरना क्यूँ भूल जाता हैँ ??
जो किसी का बुरा सोचते तक नहीं हैं उन्हीँ के साथ हमेशा बुरा क्यों होता हैँ ??
क्या किसी को बेवजह चाहना बुरा हैं ??
जिन्हें हम अपनी दुनिया समझते हैं वो ही क्यों हमारी दुनीया को जला डालते हैं ??
मैं उस खुदा से पूछना चाहती हू कि आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता हैं ??
मेरी तो ख्वाहिशें व उम्मीदें इस दुनिया के लोगों जितनी हैँ भी नहीं 
महज मैं खुश रहना चाहती हू ,कभी गलती से भी अपनों को हर्ट नहीं करना चाहती :(
मैं तो आपसे सोना-चांदी ,पैसे ऐसी भी कोई चीज़ नहीं मांगती हूँ 
मैं महज मेरी खुशियां मांगती हूँ ,महज अपनों के दिल में थोड़ी सी जगह मांगती हूँ 
हर अच्छा-बुरा तो मैं स्वीकार कर सकती ह पर आपको पता हैं 
मैं अपनों की नफरत बर्दाश्त नहीं कर सकती 
मैं अपनों के ओर मेरे बिच के फ़ासलें बर्दाश्त नहीं कर सकती 
मैं किसी की इग्नोरेंस नहीं सह सकतीं :(
राम आज तूने अच्छा नहीं किया 
हमेशा मैने तुझे अपना छोटा भाई समझकर व तेरी नासमझी को माफ किया हैं 
पर मैं भी इंसान हूँ जरुर तुझसे कम नॉलेज होगा मुझे 
पर मेरी जिंदगी बेस्ट वे में केवल मैँ ही जी सकती हू 
कभी ऐसा नहीं हुआ कि हम मिले और तुने मुझे रुलाया नहीं 
बचपना छोड़ दे ,अच्छा होगा 
मजबूरन कहना पड़ रहा हैं कि तू………
पापा ने बताया था कि गुस्से में भी कभी किसी को कोई कड़वी बात नहीं कहनी चाहिए :-)
बस इतना कहना चाहती हू कि मुझे जन्म से अफ़सोस रहा कि 
उस खुदा ने मुझे लड़की क्यों बनाया ??
अब प्लीज तु मुझे यह भी सोचने व कहने पर मजबूर मत कर 
कि आखिर मैं एक बहन क्यों हू ??
भाई के फ़र्ज़ नहीं निभा सकता तो कम से कम एक इंसान के फ़र्ज़ तो मत भूल ??
मुझे खुशियाँ तो दे नहीं सकता तो इतना सा रहम कर कि तेरि वजह से मेरि 
आँखों मे आंसू ना आये :(
छोटा हैं तो छोटा बनकर ही रह मुझे समझाने क़ी कोशिश मत कर 
बचपना अपने पास रख हर पल मुझे हर्ट करने से थोङा बाज भी आ जा भई 
बस इतना ही कि नहीं बनती तो मत किया कर मुझसे बात :(
कर दिया ना तूने मेरी खुशियो का कबाड़ा…………………


हुह ज़िन्दगी ऎसी ही हैं खैर यह नोंक-झोंक तो चलती रहेगी 
उफ्फ्फ………इस बार इतनी क्या शादियां हैँ हे भगवान :-)
हम्म अब तो भाई हम भी बिजी हैं कुछ दिन 
नाचना होगा ,गाना-बजाना होगा तो भला हम पीछे थोड़े ही ना रहेंगे ??
देखते हैं हम अब क्या नया लेकर आयेंगे :-)