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Friday 11 October 2013

हा शायद तुम मुझसे ज्यादा बादाम खाते थे :-))

आजकल इस दूनिया की कुछ बातें मुझे भी समझ में आने लगी हैं
आज सुबह से ही सोच रही थी कि आज फुर्सत मिली हैं तो
क्यों ना कुछ लिख लिया जाए :-))

मुझे आज तक यह बात समझ में नहीं आयी कि हम दोनों
एक-दूसरे के दोस्त थे या दुश्मन ,
तभी मेरे जेहन में एक बात आयी कि हां शायद
कुछ बातों के बारे में मेरी ही सोच गलत थी
तभी तो आज तक मैं यह नहीं समझ पायी कि
"मुझे तुम्हारे प्यार का एहसास नहीं था या
फिर तुम्हें कभी मुझसे प्यार था ही नहीं :-)"


पर आज कुछ समझ में आया क्यूंकि माँ ने यह बोलकर
बादाम खिला दिए थे कि सर्दि बढ़  रही हैं और
शर्दियों में बादाम खाना फायदेमंद रहता हैं :-)
सच में आज पता चला कि बादाम कितनी कारगर चीज हैं
पक्का आज से अब मैं भी हमेशा बादाम खाया करूंगी
तुमसे बहुत पीछे जो हू
अब तुम तो रुकने वाले हो नहीं तो क्यों ना मैं
ही अपनी स्पीड बढ़ा लू :-))
मुझे पता हैं अगर कभी तुम यह पढ़ोगे तो जरुर हँस दोगे
चलो जनाब यह क्रेडिट भी मुझे ही जाता हैं अब थैंक्स तो बनता ही है बॉस :-))
lol :-))