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Friday 7 March 2014

जीवन एक घना कोहरा:-)

(1)-कोहरा :-)
                     जिंदगी घने कोहरे सी हैं
दूर से केवल धुंध ही नजर आती हैं
पर जैसे-२ कदम आगे बढ़ते जाते हैं
रास्ते खुद-बेखुद बन जाते हैं
कोहरा भी तो महज दिखने भर का होता हैं
धुंध को जितना छाँटो उतना ही कोहरा आँखों से दूर होता चला जाता हैं :-)

(2)-उम्र :(
               सिखने की भला कहां उम्र होती हैं 
जितना चाहो जब चाहो वक़्त-बेवक़्त सिख लो 
हम नापते-तोलते उम्र को उसके अनुभव से ठगे से रह जाते हैं 
उम्र को खिंचकर लम्बा करने की ज़िद्द 
बस इसके उतार-चढ़ाव को खिंझते से रह जाते हैं !!

(3)-बदलाव :)
                    जिंदगी बस वक़्त के साथ बदल और ढाल जाना ही तो हैं 
जितने ज्यादा आगे बढ़ेंगे उतने ही ज्यादा बदलेंगे 
पर मैं क्यों बदलू ???
क्यूंकि मैं तो ना ही गिरगिट हू और ना ही दोगली इंसान !!
बदलना होगा तो वक़्त के लिए बदलूगी अपनों के लिए क्यों ???

अहा! waitng for tomorrow......
are bhai international woman day हैं कल
एक ही तो दिन होता हैं हम बेचारी गर्ल्स का :(
भगवानजी कुछ तो स्पेशल होना चाहिए ना ????

2 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत खूब।


सादर

Http://meraapnasapna.blogspot.com said...

lot of thanks "YASH G".....:-)