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Monday 14 April 2014

दिल चाहता हैं.....

हम्म पता हैं मेको यह तो किसी मूवी का नाम हैं 
उफ्फ डर लग रहा हैं पता नहीं मैंने किसी का टाइटल क्यों चुरा लिया 
हाहाहा………एक्चुअली वो आपकी समझ हैं 
आजकल के लोग ना मुझे समझ में नहीं आते 
सभी एक-दूसरे को चोर साबित करने पर तुले होते हैं ना सो 
अब देखिए भई विचार तो आखिर विचार होते हैं 
और इंसानों के विचार मिलने से ही तो यह दुनिया और हसीं होती हैं 
वरना विरोध तो तबाही ही हैं 
इसलिए आजकल लिखने का मन कम ही करता हैं 
क्या पता कोई पोस्ट लिखू और किसी के विचारों से मिल जाए तो ????
देखिए यह मेरी आदत ना पता नहीं कब जाएगी छोड़िए हम क्यों करें फ़िक्र :-)
कल एक बार फिर देखि दिल चाहता हैं मूवी 
देखने कि वजह यह थी की इस मूवी को बहुत पहले देखा था 
तब मतलब भावनाएँ कम और शब्द मुझे ज्यादा समझ में आते थे 
तो एक दिन बातों-२ में हम मूवीज कि बातें करने लगे 
मैंने कहा मुझे दिल चाहता हैं मूवी बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी 
उसने कहा फीलिंग्स होती तो समझ पाती :(
देट वॉस अन अमेजिंग मूवी..........
मुझे उसके शब्द चुभ गए व कुछ दर्द दे गए 
हाऊ कैन यू say देट कि आई एम फ़ीलिंगलेस व्हाट डू यू थिंक अबाउट me ????
पता नहीं इस छोटी सी बात पर मैं कितनी देर तक बड़बड़ाती रही :(
सुनो यू आर राइट यस यह दिल चाहता हैं वॉस अन अमेजिंग मूवी :-)
अब कुछ तो गुस्ताखियाँ तूम करो 
भावनाओं को समझते हो ना तो तुम क्यों नहीं समझते मेरे दिल की बेजुबां आवाज को 

उफ्फ बिना दिल के कहे कुछ लिखा वी नहीं जाता :-)क्यूंकि आज यह दिल तो कुछ नहीं चाह रहा हैं……
चलो पब्लिश करने में तो क्या हैं ड्राफ्ट में इन्हें क्यों कैद करू ??

1 comment:

Kailash Sharma said...

बहुत ही रोचक शैली है अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की...