Followers

Thursday 5 September 2013

मेरी डायरी -२ :-))

हर कोई उड़ने की चाह रखता है तो फिर
पुरुषों को नारी का उड़ना गवारा क्यों नहीं ????
अगर आज हमारे देश में नारी बेबस ,लाचार
मजबूर और लावारिश हैं तो
सच पुछो अपने दिल से कि क्या हमारा देश
आजाद हैं ?????                                          
नहीं कभी नहीं अगर ऐसा हैं तो नारी आज भी परतंत्र है
वह पुरुषों की बेड़ियों में जकड़ी हुयी है
जिन्हें काटना ही एकमात्र हल है :-)
हर बुराई का एक अंत हैं पर क्या हमेशा औरतें ही बुरा
करती हैं ??????
क्या किसी का भगवान बनकर औरत को यू
मौत की सजा देना जायज हैं ?????
औरतें बेचारी कहा आज़ाद हैं ????
pm ,cm और बाकी सब लोग भी 15th aug व 26th jan को
स्पीच देकर खुश हो जाते हैं कि हम आजाद है
और हम उनका स्पीच सुनकर !!!!!
सोचो दुनिया तब कितनी खुबसूरत होगी
जब हम हर एक दिन को इंडिपेन्डेन्स डे के रूप में मनायेंगे :-))
क्या केवल इस चार घंटे के प्रोग्राम में ही हमारी
आजादी हैं ?????????
मैं कदापि इसे आजादी नहीं मानती हू
आज न्यूज़ पेपर में हर रोज यही न्यूज़ क्यूँ आती हैं कि
यहाँ इस औरत की हत्या कर दी गयी
वहाँ उस लड़की का अपहरण कर लिया गया क्यूँ आखिर क्यों ??????????
अगर लोग हर रोज ऐसी घटनाओं को अंजाम देते रहे तो
हम भला कहा आजाद हैं ?????
आम लड़कियों का तो इन घटनाओं को
सुनकर घर से बहार निकलना भी दुर्लभ हो जायेगा !!!!!!!!!
आज हम चाहे किसी भी केस को उठाकर देख ले
चाहे भंवरी देवी हत्याकांड या अनुराधा बाली (फिज़ा )
का केस हो या फिर गीतिका हत्याकांड हो ?????
हर एक केस में औरत को  ही कीमत चुकानी पड़ी हैं और वो
भी अपनी जान गवांकर :-(
इन लोगों को कतई हक नहीं है कि यह औरत को
सजा-ए-मौत दे और
हरेक केस में औरत का ही मर्डर क्यों हुआ हैं या फिर
औरत ने ही आत्महत्या क्यूँ की हैं ????????
मुझे इस बात पर चेतन भगत के नोवेल one night @ कॉल सेंटर की
२ लाइन्स याद आ रही हैं एन वाकई वो सटीक भी बैठ रही है -
"suicide IS A HORRIBLE THING AND PEOPLE DO IT
BCOZ THEY ARE REALLY HURT
THIS MEANS THEY FEEL SOMETHING
BUT POLITICIANS DON`T.......
SO BASICALLY THIS COUNTRY IS RUN BY
PEOPLE WHO DON`T FEEL ANYTHING...:-))"
दिनांक -15th अगस्त 2012 .......
66th happy independence day:-))

No comments: