तुम मेरे जैसे क्यों नहीं हो ???????????
खैर इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं हैं मैंने ही चुना हैं इस बेदर्दी को :-)
कुछ बातें तुम्हारे लिये -
" कहने को तो "हमदर्द" बहौत हैं मेरे. .
. .और हर "दर्द" इन हमदर्दों की "हमदर्दी" है. . !"
खैर इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं हैं मैंने ही चुना हैं इस बेदर्दी को :-)
कुछ बातें तुम्हारे लिये -
" कहने को तो "हमदर्द" बहौत हैं मेरे. .
. .और हर "दर्द" इन हमदर्दों की "हमदर्दी" है. . !"
क्या कसूर था के ग़ालिब इश्क़ कर बैठा,
ता उम्र गुजर गई इम्तिहान देते-देते.."
ता उम्र गुजर गई इम्तिहान देते-देते.."
" बुलंदियों को पाने कि ख्वाइश तो बहुत है मगर ,
तुम्हारी तरह दूसरों को रौंदने का हुनर कहाँ से लाऊं .... ??"
तुम्हारी तरह दूसरों को रौंदने का हुनर कहाँ से लाऊं .... ??"
थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद,
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इज़हार नहीं करते...;-)
अब कोई अच्छा भी लगे तो हम इज़हार नहीं करते...;-)
एक नफरत ही है जिसे दुनिया लम्हों में ही जान लेती है,वरना चाहत का पता लगाने में तो जमाने बीत जाते हैं.
3 comments:
very good.. ye kya-kya likh diya tumne...
really very nice... :)
achcha nahi hain kya????
khair jaisa hunar aapme hain utna to nahi hai mujhme
par fir bhi aajkal bs thoda thik thak likh lete hai jee:-))
are haa thank you G.....KYA BAT HAIN AAPKO WAQT TO MILA....:-))
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