जन्म लिया जिसकी कोख से
वो माँ मेरी परियों के देश से
चलना सिखा जिनकी उंगली थामके
वो पापा मेरे दुनिया की भीड़ से
बचपन था मेरा प्यारा सा
भाई-बहनों के संग गुज़ारा था
जब वो बचपन छूट गया
जिंदगी का हसीं रंग लूट गया
नादानी की कहीं नादानियों में
सम्भाला माँ-पापा ने हर मोड़ पर
कैसे चुकायेंगे कर्ज़ उनका
होगा उनका शुक्रिया अदा हर सोच में
ये दिन ना लौट आयेंगे ,ना ये पल लौट आयेंगे
दे दो उन्हें हर लम्हा ख़ुशी का
क्यूँकि फिर ना मिलेगा ये बसेरा सपनों का :-))
"जब पहली बार गर्ल्स के टॉपिक पे लिखना
शुरू किया उस दिन मैंने सबसे पहले यह लिखा था लाइक
that first of all some lines for my parents:-))"
n today i wanna say that-
मेरी दुनिया ,मेरी दुनिया बस आप हो ;-))
वो माँ मेरी परियों के देश से
चलना सिखा जिनकी उंगली थामके
वो पापा मेरे दुनिया की भीड़ से
बचपन था मेरा प्यारा सा
भाई-बहनों के संग गुज़ारा था
जब वो बचपन छूट गया
जिंदगी का हसीं रंग लूट गया
नादानी की कहीं नादानियों में
सम्भाला माँ-पापा ने हर मोड़ पर
कैसे चुकायेंगे कर्ज़ उनका
होगा उनका शुक्रिया अदा हर सोच में
ये दिन ना लौट आयेंगे ,ना ये पल लौट आयेंगे
दे दो उन्हें हर लम्हा ख़ुशी का
क्यूँकि फिर ना मिलेगा ये बसेरा सपनों का :-))
"जब पहली बार गर्ल्स के टॉपिक पे लिखना
शुरू किया उस दिन मैंने सबसे पहले यह लिखा था लाइक
that first of all some lines for my parents:-))"
n today i wanna say that-
मेरी दुनिया ,मेरी दुनिया बस आप हो ;-))
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