अपनी कांपती-ठिठुरती सी अंगुलियों से
आज लिखा कुछ तेरे नाम
लिखी कुछ अनकही बातें भी
और अनचाही सी चाहतें भी
इमली से खटे पलों को भी सम्भाला तो
जलेबी से मीठे पलों को भी कैद किया
2013 अलविदा कह गया
बिल्कुल तुम्हारी तरह ही बेवजह!!
भला परिंदों को कब कोई
कैद करके रख पाया हैं सो
मैंने भी बिना रोके
जाने दिया उसे बेवजह !!
बीते आखरी घंटे ने
रुलाया बहुत और सम्भाला भी
और फिर मैंने भी उसकी बात को समझा
कहा २०१३ अलविदा !
पर वादा रहा तुम सदा रहोगे मेरी यादों में !!!!!
भूल से भी ना भुलाऊगी तुम्हें :-)
आज लिखा कुछ तेरे नाम
लिखी कुछ अनकही बातें भी
और अनचाही सी चाहतें भी
इमली से खटे पलों को भी सम्भाला तो
जलेबी से मीठे पलों को भी कैद किया
2013 अलविदा कह गया
बिल्कुल तुम्हारी तरह ही बेवजह!!
भला परिंदों को कब कोई
कैद करके रख पाया हैं सो
मैंने भी बिना रोके
जाने दिया उसे बेवजह !!
बीते आखरी घंटे ने
रुलाया बहुत और सम्भाला भी
और फिर मैंने भी उसकी बात को समझा
कहा २०१३ अलविदा !
पर वादा रहा तुम सदा रहोगे मेरी यादों में !!!!!
भूल से भी ना भुलाऊगी तुम्हें :-)
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