खुश हू, सन्तुष्ट हू.…
इन २-४ दिनों से बीतते वक़्त से हर खूबसूरत से पल
को चुराने में मैं कामयाब हो पा रही हू :-)
सच जब हम अपने साथ अकेले में वक़्त बिताते हैं
तब हम अपने आपको और ज्यादा करीब से जान जाते हैं
आजकल थोड़ा जान रही हू मैं भी अपने आपको
पुरानी यादों को थोड़ा समेट रही हू इन दिनों
ताकि होली वाले दिन फिर से इन पर कोई दूसरा नया रंग चढ़ायेंगे !!
आज डायरी को पढ़ रही थी कि 16th जुलाई 2011 को लिखी कुछ बातें
मेरी आँखों के सामने उभर आयी अच्छी लगी-
"जिंदगी कैसी हैं ना कब क्या हो जाए कोई नहीं जनता ??
पता नहीं कब सपने टूट जाये कब अपने रूठ जाए ??
रोने का मन तो बहुत करता हैं पर आँसू पोंछने वाला कोई नहीं :(
कब हमें जिंदगी भी बोझ लगने लग जाय कोई नहीं जानता
इस दूनिया में हर कोई वादा करता हैं कि वो देगा साथ हमारा
लेकिन इतना धोखा मिलता हैं कि खुद को जला डालने का मन करता हैं
आज यू लगा जैसे कि मेरे ही जिस्म के किसी टुकड़े को मुझसे अलग करके
उसे जलाने का दायित्व भी मूझे ही सौंपा गया हो :(
इस दुनिया में सब बकवास हैं केवल हकीकत यह हैं कि
जीना इंसान को अकेले ही पड़ता हैं
यह दुनिया उसकी जिंदगी में बस केवल उसे दुःखी करने का रोल अदा कर सकती हैं :-)"
ओहो..... मेरी यादें इतनी अच्छी हैं कि वो खुदा भी आज तो बरस पड़ा हैं
हम्म.…एक्चुअली कुछ तो बात थी इन यादों में जो कि आज बारिश हो रही हैं :-)
इन २-४ दिनों से बीतते वक़्त से हर खूबसूरत से पल
को चुराने में मैं कामयाब हो पा रही हू :-)
सच जब हम अपने साथ अकेले में वक़्त बिताते हैं
तब हम अपने आपको और ज्यादा करीब से जान जाते हैं
आजकल थोड़ा जान रही हू मैं भी अपने आपको
पुरानी यादों को थोड़ा समेट रही हू इन दिनों
ताकि होली वाले दिन फिर से इन पर कोई दूसरा नया रंग चढ़ायेंगे !!
आज डायरी को पढ़ रही थी कि 16th जुलाई 2011 को लिखी कुछ बातें
मेरी आँखों के सामने उभर आयी अच्छी लगी-
"जिंदगी कैसी हैं ना कब क्या हो जाए कोई नहीं जनता ??
पता नहीं कब सपने टूट जाये कब अपने रूठ जाए ??
रोने का मन तो बहुत करता हैं पर आँसू पोंछने वाला कोई नहीं :(
कब हमें जिंदगी भी बोझ लगने लग जाय कोई नहीं जानता
इस दूनिया में हर कोई वादा करता हैं कि वो देगा साथ हमारा
लेकिन इतना धोखा मिलता हैं कि खुद को जला डालने का मन करता हैं
आज यू लगा जैसे कि मेरे ही जिस्म के किसी टुकड़े को मुझसे अलग करके
उसे जलाने का दायित्व भी मूझे ही सौंपा गया हो :(
इस दुनिया में सब बकवास हैं केवल हकीकत यह हैं कि
जीना इंसान को अकेले ही पड़ता हैं
यह दुनिया उसकी जिंदगी में बस केवल उसे दुःखी करने का रोल अदा कर सकती हैं :-)"
ओहो..... मेरी यादें इतनी अच्छी हैं कि वो खुदा भी आज तो बरस पड़ा हैं
हम्म.…एक्चुअली कुछ तो बात थी इन यादों में जो कि आज बारिश हो रही हैं :-)