जिंदगी का वक़्त चाहे अच्छा हो या बुरा गुजर ही जाता हैं
यह उम्र कट ही जाती हैं चाहे मुश्किल से या फिर आसानी से
लड़कपन के दिन भी निकल ही जाते हैं तो
बरसात सी किशोरावस्था भी बीत ही जाती हैं
कितना भागते हैं न हम जैसे कि यह सारी दूनिया सिर्फ हमारी वजह
से ही चल रही हो :-)
कितनी बड़ी ग़लतफ़हमी पाल बैठे हैं इस दुनिया में आकर
हम एक तुच्छ जीव फिर भी हमारा अभिमान, घमंड उस आसमां से भी ऊँचा हैं
अरे भाई! किस चीज़ का ?????
रावण राजा था सोने के जैसी लंका थी पर एक पल में सब खाक हो गया :(
उम्र को अँगुलियों के परवो पर गिनकर
फिर से सिकोड़कर इसे छोटा करने की ज़िद्द कर बैठे हैं
अभी थोड़ा और जी लेते हैं अरे अभी तो उम्र बहूत कम हुयी हैं
हम प्लान बना रहे होते हैं सदियों जीने का कि तभी टिंग टोंग........
उफ्फ डोरबेल बजी हैं बेवक़्त कौन आया होगा ????
सारी ज़िन्दगी का प्लान ही बिगाड़ दिया
यमराज जी .……
(नोट-बस मैं तो यू ही कल्पना कर रही हू वरना
यमराज तो ना ही दरवाजे से आते हैं और ना ही हमें कुछ जाने का पता चलता हैं :-)
अब चल भी ले भई बहुत जी लिया
वो खुदा हर पल तेरी इबारतें सुनता हैं तेरा हर कहा पूरा करता हैं
फिर भी तू कहता हैं कि यह सब मैंने किया
और कुछ बुरा होने पर उसे दोष देने लग जाता हैं कि उसने ठीक नहीं किया
मौत के वक़्त भी उसे नहीं बक्श पाते हैं.……
कौन अपने ,कौन दूनिया ??????
जो महज कुछ दिन के दिखावे, दुनियादारी, आंसुओं के बाद हमें भुला देंगे वो ही ???
सच हैं जन्म के वक़्त भी कोई साथ नहीं होता हैं तो मरते वक़्त भी नहीं
"कितना जीना हैं ,हम क्यों खामखां ज़िद्द कर बैठे हैं
पैसों के अलावा थोड़ा पाप पूण्य का भी हिसाब-किताब कर लो ना
थोड़ा बोझ कम कर लो ना बहुत दूर ले जाना हैं बाबा
सपनों और दूनिया दोनों को थोड़ा छोटा कर लो ना
ताकि ज्यादा दूर तक ना बिखरे
थोड़ा उन पँछियों की तरह भी जी लो ना बिना गगन को चूमे भी
जी लो ना यह सारी उम्र बच्चों की तरह ,थोड़ा अहम् और दिखावे को कम कर दो ना :-)"
हूह..... शुक्रिया खुदा अपनी इतनी रहमत मुझ पर बिखरने के लिये
और मेरे अपनों का इतना ख्याल रखने के लिये !!!!!!!
मुझे आपसे और इस जिंदगी से कोई गिला-शिकवा नहीं हैं :-)
यह उम्र कट ही जाती हैं चाहे मुश्किल से या फिर आसानी से
लड़कपन के दिन भी निकल ही जाते हैं तो
बरसात सी किशोरावस्था भी बीत ही जाती हैं
कितना भागते हैं न हम जैसे कि यह सारी दूनिया सिर्फ हमारी वजह
से ही चल रही हो :-)
कितनी बड़ी ग़लतफ़हमी पाल बैठे हैं इस दुनिया में आकर
हम एक तुच्छ जीव फिर भी हमारा अभिमान, घमंड उस आसमां से भी ऊँचा हैं
अरे भाई! किस चीज़ का ?????
रावण राजा था सोने के जैसी लंका थी पर एक पल में सब खाक हो गया :(
उम्र को अँगुलियों के परवो पर गिनकर
फिर से सिकोड़कर इसे छोटा करने की ज़िद्द कर बैठे हैं
अभी थोड़ा और जी लेते हैं अरे अभी तो उम्र बहूत कम हुयी हैं
हम प्लान बना रहे होते हैं सदियों जीने का कि तभी टिंग टोंग........
उफ्फ डोरबेल बजी हैं बेवक़्त कौन आया होगा ????
सारी ज़िन्दगी का प्लान ही बिगाड़ दिया
यमराज जी .……
(नोट-बस मैं तो यू ही कल्पना कर रही हू वरना
यमराज तो ना ही दरवाजे से आते हैं और ना ही हमें कुछ जाने का पता चलता हैं :-)
अब चल भी ले भई बहुत जी लिया
वो खुदा हर पल तेरी इबारतें सुनता हैं तेरा हर कहा पूरा करता हैं
फिर भी तू कहता हैं कि यह सब मैंने किया
और कुछ बुरा होने पर उसे दोष देने लग जाता हैं कि उसने ठीक नहीं किया
मौत के वक़्त भी उसे नहीं बक्श पाते हैं.……
कौन अपने ,कौन दूनिया ??????
जो महज कुछ दिन के दिखावे, दुनियादारी, आंसुओं के बाद हमें भुला देंगे वो ही ???
सच हैं जन्म के वक़्त भी कोई साथ नहीं होता हैं तो मरते वक़्त भी नहीं
"कितना जीना हैं ,हम क्यों खामखां ज़िद्द कर बैठे हैं
पैसों के अलावा थोड़ा पाप पूण्य का भी हिसाब-किताब कर लो ना
थोड़ा बोझ कम कर लो ना बहुत दूर ले जाना हैं बाबा
सपनों और दूनिया दोनों को थोड़ा छोटा कर लो ना
ताकि ज्यादा दूर तक ना बिखरे
थोड़ा उन पँछियों की तरह भी जी लो ना बिना गगन को चूमे भी
जी लो ना यह सारी उम्र बच्चों की तरह ,थोड़ा अहम् और दिखावे को कम कर दो ना :-)"
हूह..... शुक्रिया खुदा अपनी इतनी रहमत मुझ पर बिखरने के लिये
और मेरे अपनों का इतना ख्याल रखने के लिये !!!!!!!
मुझे आपसे और इस जिंदगी से कोई गिला-शिकवा नहीं हैं :-)
3 comments:
कहीं गहरे में उतरती हुई..गहन अभिव्यक्ति..
G is zindagi ka bs yahi such hain......:-)
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