प्यारे अजनबी
तुम्हें याद हैं या नहीं मुझे नहीं पता पर वो घटना एक लम्बे अरसे के बाद भी आज भी मुझे याद हैं जब मैं नई-नई मोटरसाइकिल चलाना सिख रही थी, 2011-2012 की ही तो बात हैं, मेरे पाँव जमीन पर नहीं टिकते थे अगर मैं एक किलोमीटर भी मोटरसाइकिल बिना गिरे चला लेती थी फिर एक दिन घूमते-घूमते तुम्हारे शहर में पहुँच गई थी जो करीब मेरे शहर से तीन-चार किलोमीटर दूर हैं, फिर वो हुआ जिसके बारे में मैंने कभी सोचा ही नहीं, मैं तो बस सीखती, गिरती और संभलती व भटकती रहती थी कि मैं फिर वहां से रवाना हुई घर आने को तो तुम आए थे पीछे ना जाने क्या सोचकर, पर फिर मेरे न डरने की वजह से व थोड़ी मेरी हिम्मत और हौसला देखकर तुम आधे रास्ते से बिना कुछ बोलें फिर चलें गए थे, तुम्हें पता हैं उस वक़्त रास्ते में चलते मिलें राहगीरों में सबसे खतरनाक लगे थे तुम, पहली दफ़ा ज़िन्दगी में खूब सिखा था, बहुत खूब....मैंने उसके बाद तुम्हारे शहर की तरफ कभी देखा भी नहीं.....आज एक लम्बे अरसे बाद मैं तुम्हारे शहर में से निकली थी बड़ी ही निडरता से, मन किया एक बार तुम मिलो तुम्हारी आँखों में आँखें डालकर तुम्हारे हर सवाल का जवाब दूँ व खूब सारे जवाब पूछूँ भी तुमसे....मन किया कहूँ तुमसे कि भई इतनी क्या बैचैनी थी जो कि तुम्हें यूँ पीछे आना पड़ा, यार अपने घर बुला लिया होता मिल-बैठकर हिसाब-किताब कर लेते कि मुझे तुमसे दोस्ती करनी हैं और मैं....मैं भला फिर क्या कहती पुरुष प्रधान समाज हैं गलत तो लड़कियां ही होती हैं मैं भी हो जाती गलत कि कर ली दोस्ती....निभा लेते जितनी कटती ना जचती तो फिर अपनी राहें अलग कर लेते पर भला यूँ भी करता हैं क्या कोई कि कहानियाँ भी खुद ही बनायें और दूसरों को भी अपना गढ़ा हुआ ही बतायें कि मैंने यह किया, मैंने वो किया??
तुम बुरे इन्सान थे या अच्छे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ना, क्यूंकि मैंने सबको सुधारने का ठेका नहीं लिया हैं मुझे सबकी फ़िक्र करने की भी कोई जरुरत नहीं हैं बस मेरे जो अपने हैं मैं उनका ख्याल कर पाऊ बहुत हैं मेरे लिए....
पर तुमने इतने वक़्त में भी क्या सिखा हैं??
मेरे ख्याल से तुम्हारी सोच वही तक ही होगी, किसी के नंबर मिल जाने पर उससे खूब बातें करना, जब तुम्हें लगें अब यहाँ तो वक़्त बर्बाद करने से कुछ नहीं होना, तब दुसरे-दुसरे नंबर से खूब कॉल करके मासूमो को बेवजह परेशान करना और जितना तुम्हारा मन करें उतनी गालियाँ देना!!!
सच बताऊ तो अब मुझे तो तुम्हारी ज्यादा खबर हैं भी नहीं और पहले भी नहीं थी होती भी कैसे भला जिस इन्सान का सच्चा नाम तक नामालूम था मुझे, पर मैं कहती हूँ ना कि मेरा बुरा नहीं हो सकता तो सही ही कहती हूँ यार....
अब आखिर में मेरा मेसेज तुम तक पहुंचे तो एक सिख लेना....लड़कियों व औरतों की इज्जत करना सिखना उनका मान-सम्मान करना क्यूंकि तुम्हारी अपनी माँ भी एक औरत ही हैं, आने वाले वक़्त में तुम्हारी बीवी होगी जो सब-कुछ छोड़कर तुम्हारे घर आयेगी वो भी एक लड़की ही होगी फिर शायद बाद में बहुत बाद में तुम्हारी एक बेटी भी होगी, जो भी एक लड़की ही होगी....तुम इनकी इज्जत करना सीखना....तुम सीखना अपनी बेटी से बचपन, निश्छल सा प्यार व ढ़ेर सारी इज्जत करने की वजह तलाशना....तुम सीखना अगर सिख पाओ तो किसी को मान देना, किसी की इज्जत करना.....और फिर भी आखिर में मेरे दिल से तो तुम्हारे लिए दुआ ही निकलेगी कि तुम खूब सिखना और आगे बढ़ते रहना...!!😊
तुम बुरे इन्सान थे या अच्छे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ना, क्यूंकि मैंने सबको सुधारने का ठेका नहीं लिया हैं मुझे सबकी फ़िक्र करने की भी कोई जरुरत नहीं हैं बस मेरे जो अपने हैं मैं उनका ख्याल कर पाऊ बहुत हैं मेरे लिए....
पर तुमने इतने वक़्त में भी क्या सिखा हैं??
मेरे ख्याल से तुम्हारी सोच वही तक ही होगी, किसी के नंबर मिल जाने पर उससे खूब बातें करना, जब तुम्हें लगें अब यहाँ तो वक़्त बर्बाद करने से कुछ नहीं होना, तब दुसरे-दुसरे नंबर से खूब कॉल करके मासूमो को बेवजह परेशान करना और जितना तुम्हारा मन करें उतनी गालियाँ देना!!!
सच बताऊ तो अब मुझे तो तुम्हारी ज्यादा खबर हैं भी नहीं और पहले भी नहीं थी होती भी कैसे भला जिस इन्सान का सच्चा नाम तक नामालूम था मुझे, पर मैं कहती हूँ ना कि मेरा बुरा नहीं हो सकता तो सही ही कहती हूँ यार....
अब आखिर में मेरा मेसेज तुम तक पहुंचे तो एक सिख लेना....लड़कियों व औरतों की इज्जत करना सिखना उनका मान-सम्मान करना क्यूंकि तुम्हारी अपनी माँ भी एक औरत ही हैं, आने वाले वक़्त में तुम्हारी बीवी होगी जो सब-कुछ छोड़कर तुम्हारे घर आयेगी वो भी एक लड़की ही होगी फिर शायद बाद में बहुत बाद में तुम्हारी एक बेटी भी होगी, जो भी एक लड़की ही होगी....तुम इनकी इज्जत करना सीखना....तुम सीखना अपनी बेटी से बचपन, निश्छल सा प्यार व ढ़ेर सारी इज्जत करने की वजह तलाशना....तुम सीखना अगर सिख पाओ तो किसी को मान देना, किसी की इज्जत करना.....और फिर भी आखिर में मेरे दिल से तो तुम्हारे लिए दुआ ही निकलेगी कि तुम खूब सिखना और आगे बढ़ते रहना...!!😊
मैं एक लड़की!!
(तुम्हें याद हैं समाज में रहने वाली!)
(तुम्हें याद हैं समाज में रहने वाली!)
2 comments:
Nice.....
Thank u:)
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