बहुरुपिया मतलब अलग-2 रूप धारण करने वाला......बचपन से मैं बहुरूपियों का खेल देखती आई हूँ.....बहुत छोटी थी मैं....याद हैं मुझे पुरे गांव में खबर फ़ैल जाती थी कि आज बहुरुपिया आया हैं....उसके आते ही....खासकर हम बच्चों को तो उसके आते ही पता चल जाता हैं.....फिर सात दिन के लिए हमारी दुनिया वो ही हो जाती थी.....दिनभर सोचना आज क्या बनेगा बहुरुपिया....और शाम को उसके आते ही उसका साथ एक पल को भी ना छोड़ना....वो आगे हम बच्चे पीछे......पता ही नहीं चलता था कब उसके रंग में हम भी रंग जाते थे.....सच बताऊ तो वो हमारे लिए सलमान खान से भी ज्यादा मायने रखता था.....हम उसके साथ दौड़ते-भागते बिना छोटे-बड़े का फर्क किये.....तब पता ही नहीं चला था कि यह तो बेचारा सबके सामने रूप बदलता तो हैं आगे कि दुनिया में तो ऐसे इंसानों से भी सामना होगा जो गिरगिट से भी ज्यादा रंग बदलेंगें वो भी बिना किसी को बताये केवल अपना स्वार्थ साधने के लिए......
खेर शायद हमें कुछ छोटी-2 चीजों को साधकर रखना चाहिए क्यूंकि कुछ लोगों का पेट हो सकता हैं केवल उन्हीं छोटी चीजों की वजह से ही पाला जाता हो...
अभी इन दिनों फिर से बहुरुपिया आया हैं.....पर हम बच्चों की जगह दुसरे बच्चों ने ले ली हैं....हम थोड़े बड़े हो गए हैं इतने बड़े कि बहुरुपिए की फोटो तक ले सकते हैं
सच बचपन जितना अमीर कोई नहीं हो सकता.....उसकी अमीरी का अपना आनंद हैं.....एक दुआ मांगू तो कबूल करोगे ना भगवानजी???
जीने दो ना एक बार फिर से बचपन.....छोटा-बड़ा को पीछे छोड़कर सब समान हैं कि भावना सिख लेने दो ना....
वैसे मेरे पास एक आईडिया हैं पर क्या करूँ अगर मैं बच्चों सी जीने लगी तो कुछ तो लोग कहेंगें ना चलो छोड़ो भी अब बडपन को ही जी लेते हैं😊
खेर शायद हमें कुछ छोटी-2 चीजों को साधकर रखना चाहिए क्यूंकि कुछ लोगों का पेट हो सकता हैं केवल उन्हीं छोटी चीजों की वजह से ही पाला जाता हो...
अभी इन दिनों फिर से बहुरुपिया आया हैं.....पर हम बच्चों की जगह दुसरे बच्चों ने ले ली हैं....हम थोड़े बड़े हो गए हैं इतने बड़े कि बहुरुपिए की फोटो तक ले सकते हैं
सच बचपन जितना अमीर कोई नहीं हो सकता.....उसकी अमीरी का अपना आनंद हैं.....एक दुआ मांगू तो कबूल करोगे ना भगवानजी???
जीने दो ना एक बार फिर से बचपन.....छोटा-बड़ा को पीछे छोड़कर सब समान हैं कि भावना सिख लेने दो ना....
वैसे मेरे पास एक आईडिया हैं पर क्या करूँ अगर मैं बच्चों सी जीने लगी तो कुछ तो लोग कहेंगें ना चलो छोड़ो भी अब बडपन को ही जी लेते हैं😊
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