अहा जब हम नये हैँ तो अंदाज क्यों हो पूराना ??
इस बार काफी वक़्त बाद उसके शहर में जाना हुआ
सीधी सी बात हैं मेरी नजरेँ तो उसे ही ढूँढ़ रही थी
कि शायद कहीं फ़िर से वो पुराना ,जाना-पहचाना सा चेहरा नजर आ जाए
नजरें टिकाए बैठी थी तुम्हारे इँतजार में कि
तभी मुझे नजर आया वो ही चेहरा जिसे मेरी नजरें तलाश रही थी :-)
खैर तुमने मेरी तरफ़ देखा तक नहीं होगा, तुम्हें तो अंदाजा तक नही होगा कि
मैं तुम्हारे आसपास थी भी अरे वैसे भी मैं तुम्हारे लिए तो अजनबी हू :(
याद हैं मुझे जब पहली बार तुम्हेँ देखा था
हुह गिरते-२ बची थी मैं
तुम्हें देखने से पहले सुन्दर ,खूबसूरत व स्वीट और मासूम
जैसे शब्द केवल लड़कियों के लिए ही अच्छे लगते थे
कभी-२ जब तुम मुझे धुप में नजर आ जाते तो
तुम्हारा चेहरा उफ्फ देखने लाईक होता था :-)
काफी वक़्त के बाद भी मैं तो तुम्हारा नाम तक जानने में क़ामयाब नहीं हो पा रही थी
कि मैंने फ़िर से मासूम बच्चों की तरह उस खुदा के पास अर्जी लगाई
हे भगवानजी प्लीज मेरी हेल्प करो ना मैं उस इंसान को जानना चाहती हू
यक़ीनन उस दिन खुदा ने मेरी हेल्प की और मेरी अर्जी कबूल हो गयी
तुम्हारा नाम पहली बार कहीं नजर आया -सुमित अरोड़ा :-)
अहा तुम्हारा नाम भी मेरी उम्मीद से बेहतर था
उस दिन बिना वक़्त जाया किये मैंने सारि सोशल साइट्स पर तुम्हें सर्च किया
पर अफ़सोस कहीं भी तुम्हारा अकाउंट नहीं था
मैं सोचने लगी ऐसा कैसे हो सकता हैं
इसके बाद भी ना जाने कितनी बार राहों पर चलते हुए तुम मुझे मिलें होंगे
खैर कुछ वक़्त बाद मुझे एहसास हुआ कि वो सब मेरे पागलपन से ज्यादा कुछ नहीं हैं
इसलिए वक़्त के साथ-२ जिंदगी के हर सच को स्वीकार कर लिया था मैंने
हम दोनों ही एक-दूसरे के लिए अजनबी थे पर फ़िर भी मैं
तुम्हारे बारे में काफी कुछ जान ही गयी थी
इवन तुम्हारी सबसे अच्छी दोस्तों को भी तो………………………
फिर मुझे भी लगा कि मैं तुमसे दोस्ती करके क्यूँ दुश्मनों की लीस्ट को और ज्यादा बढाऊ ??
अच्छा हुआ हम अजनबी रहे
सच्ची अनकहा, अनजाना, अज़नबीपन वाला रिश्ता इस दुनिया में सबसे प्यारा होता हैं
ना कोई शिकवा-शिकायतें और ना ही कोई अधिकार वाली बातें
मैं यह सब सोच ही रही थी कि एक बाइक आकर मेरे पास रुकी
उसने अपने सन ग्लासेज हटाते हुए कहा
हाय i m sumit arora......पहचाना ???
हाहाहाहाहा मूझे काटो तो खून नहीं :-)
उफ्फ मैंने अपने आपको संभालते हुए जवाब दिया नहीं :(
और निकल पड़ी उन राहों जिन पर तुम मुझसे कभी नहीं टकरा सकते:-)
इस बार काफी वक़्त बाद उसके शहर में जाना हुआ
सीधी सी बात हैं मेरी नजरेँ तो उसे ही ढूँढ़ रही थी
कि शायद कहीं फ़िर से वो पुराना ,जाना-पहचाना सा चेहरा नजर आ जाए
नजरें टिकाए बैठी थी तुम्हारे इँतजार में कि
तभी मुझे नजर आया वो ही चेहरा जिसे मेरी नजरें तलाश रही थी :-)
खैर तुमने मेरी तरफ़ देखा तक नहीं होगा, तुम्हें तो अंदाजा तक नही होगा कि
मैं तुम्हारे आसपास थी भी अरे वैसे भी मैं तुम्हारे लिए तो अजनबी हू :(
याद हैं मुझे जब पहली बार तुम्हेँ देखा था
हुह गिरते-२ बची थी मैं
तुम्हें देखने से पहले सुन्दर ,खूबसूरत व स्वीट और मासूम
जैसे शब्द केवल लड़कियों के लिए ही अच्छे लगते थे
कभी-२ जब तुम मुझे धुप में नजर आ जाते तो
तुम्हारा चेहरा उफ्फ देखने लाईक होता था :-)
काफी वक़्त के बाद भी मैं तो तुम्हारा नाम तक जानने में क़ामयाब नहीं हो पा रही थी
कि मैंने फ़िर से मासूम बच्चों की तरह उस खुदा के पास अर्जी लगाई
हे भगवानजी प्लीज मेरी हेल्प करो ना मैं उस इंसान को जानना चाहती हू
यक़ीनन उस दिन खुदा ने मेरी हेल्प की और मेरी अर्जी कबूल हो गयी
तुम्हारा नाम पहली बार कहीं नजर आया -सुमित अरोड़ा :-)
अहा तुम्हारा नाम भी मेरी उम्मीद से बेहतर था
उस दिन बिना वक़्त जाया किये मैंने सारि सोशल साइट्स पर तुम्हें सर्च किया
पर अफ़सोस कहीं भी तुम्हारा अकाउंट नहीं था
मैं सोचने लगी ऐसा कैसे हो सकता हैं
इसके बाद भी ना जाने कितनी बार राहों पर चलते हुए तुम मुझे मिलें होंगे
खैर कुछ वक़्त बाद मुझे एहसास हुआ कि वो सब मेरे पागलपन से ज्यादा कुछ नहीं हैं
इसलिए वक़्त के साथ-२ जिंदगी के हर सच को स्वीकार कर लिया था मैंने
हम दोनों ही एक-दूसरे के लिए अजनबी थे पर फ़िर भी मैं
तुम्हारे बारे में काफी कुछ जान ही गयी थी
इवन तुम्हारी सबसे अच्छी दोस्तों को भी तो………………………
फिर मुझे भी लगा कि मैं तुमसे दोस्ती करके क्यूँ दुश्मनों की लीस्ट को और ज्यादा बढाऊ ??
अच्छा हुआ हम अजनबी रहे
सच्ची अनकहा, अनजाना, अज़नबीपन वाला रिश्ता इस दुनिया में सबसे प्यारा होता हैं
ना कोई शिकवा-शिकायतें और ना ही कोई अधिकार वाली बातें
मैं यह सब सोच ही रही थी कि एक बाइक आकर मेरे पास रुकी
उसने अपने सन ग्लासेज हटाते हुए कहा
हाय i m sumit arora......पहचाना ???
हाहाहाहाहा मूझे काटो तो खून नहीं :-)
उफ्फ मैंने अपने आपको संभालते हुए जवाब दिया नहीं :(
और निकल पड़ी उन राहों जिन पर तुम मुझसे कभी नहीं टकरा सकते:-)
2 comments:
जो दिल में रहता है निगाहें उसे ढूंढ ही लेती हैं
बहुत खूब!
:) Khoob Likha hai
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