जब से समझदार हुई हू तब से हर चीज़ के साथ रिश्तों को भी सहेजना सिखा हैं
पहले जब कॉलेज के फ्रेंड्स सवाल किया करती थी कि
"दोस्ती और प्यार में अच्छा क्या हैं ??"
बेशक मेरा जवाब होता था दोस्ती !!
वैसे प्यार बहुत सारे लोगों से होता हैं आई थिंक :-)
मेरा मानना हैं कि दोस्ती में भी प्यार होता हैं
वैसे प्यार शब्द को लोगों ने अपनी-२ अलग-२ परिभाषाएँ दी हैं
मैंने कभी इस शब्द को डिफाइन करना ही नहीं चाहा
और ना ही अपने पास इतना ज्यादा अनुभव हैं कि इस शब्द को अपने विचारों में बाँध सकू ??
प्यार हम उस हर इंसान से करते हैं जो हमसे जुड़ा हो
बस यह अलग-२ लोगों के लिये अलग-२ हो सकता हैं :-)
दोस्ती……… हम्म …जी हैं मैंने भी अपनी कुछ जिंदगी दोस्तों में
वक़्त ने थोड़े फासले क्या बढ़ा दिए कि दोस्त तो कहने ही लगे कि -
"दोस्त दोस्त ना रहा ,
यह अलग बात हैं कि हम तो कभी दूर गए ही नहीं
बस कुछ और लोग तुम्हारे ज्यादा करीब आ गए ":-)
हूह..... जरुरी होती हैं भई शिकायतें भी :(
दूरियां जरुरी हैं पर फासले थोड़े कम हो तभी ठीक होता हैं ना ??
एक्चुअली दोस्ती पर बहुत कुछ लिखकर अपनी डायरियों में कैद किया हैं
पर जब से गुंडे मूवी देखि तब से बहुत मन कर रहा था दोस्ती पर कुछ लिखकर अपडेट करने का
सबका नजरिया अलग होता हैं
पता नहीं क्यों मेरे कॉन्टेक्ट्स में जो-२ लोग हैं उनमें से किसी को भी यह मूवी अच्छी नहीं लगी
पर मुझे कुछ ज्यादा ही अच्छी लगी
बेशक इसका बहुत बड़ा कारण रहा एंड में दोस्ती का जीत जाना !!
दिल को छू गयी उनकी दोस्ती :-)
मैं कैसे भूल सकती हू -कि मैं रणवीर के उस डायलाग पर कितना हंसी थी
"अगूंठा लगवा ले ……"ह.… ह..... ही :-)
आज यकीं हो गया कि मैं कितना बुरा लिखती हू
एक्चुअली बहुत खुश हैं सो समझ नहीं आ रहा ज्यादा कुछ बस !!
भई क्या करू बात ही ऐसी हैं :-०
एनीवे थैंक यू yrf और भगवानजी ;-)
बस किसी की बुरी नजर ना लगे इन खुशियों को !!!!!!!
भई दोस्ती होती ही ऐसी हैं
पहले जब कॉलेज के फ्रेंड्स सवाल किया करती थी कि
"दोस्ती और प्यार में अच्छा क्या हैं ??"
बेशक मेरा जवाब होता था दोस्ती !!
वैसे प्यार बहुत सारे लोगों से होता हैं आई थिंक :-)
मेरा मानना हैं कि दोस्ती में भी प्यार होता हैं
वैसे प्यार शब्द को लोगों ने अपनी-२ अलग-२ परिभाषाएँ दी हैं
मैंने कभी इस शब्द को डिफाइन करना ही नहीं चाहा
और ना ही अपने पास इतना ज्यादा अनुभव हैं कि इस शब्द को अपने विचारों में बाँध सकू ??
प्यार हम उस हर इंसान से करते हैं जो हमसे जुड़ा हो
बस यह अलग-२ लोगों के लिये अलग-२ हो सकता हैं :-)
दोस्ती……… हम्म …जी हैं मैंने भी अपनी कुछ जिंदगी दोस्तों में
वक़्त ने थोड़े फासले क्या बढ़ा दिए कि दोस्त तो कहने ही लगे कि -
"दोस्त दोस्त ना रहा ,
यह अलग बात हैं कि हम तो कभी दूर गए ही नहीं
बस कुछ और लोग तुम्हारे ज्यादा करीब आ गए ":-)
हूह..... जरुरी होती हैं भई शिकायतें भी :(
दूरियां जरुरी हैं पर फासले थोड़े कम हो तभी ठीक होता हैं ना ??
एक्चुअली दोस्ती पर बहुत कुछ लिखकर अपनी डायरियों में कैद किया हैं
पर जब से गुंडे मूवी देखि तब से बहुत मन कर रहा था दोस्ती पर कुछ लिखकर अपडेट करने का
सबका नजरिया अलग होता हैं
पता नहीं क्यों मेरे कॉन्टेक्ट्स में जो-२ लोग हैं उनमें से किसी को भी यह मूवी अच्छी नहीं लगी
पर मुझे कुछ ज्यादा ही अच्छी लगी
बेशक इसका बहुत बड़ा कारण रहा एंड में दोस्ती का जीत जाना !!
दिल को छू गयी उनकी दोस्ती :-)
मैं कैसे भूल सकती हू -कि मैं रणवीर के उस डायलाग पर कितना हंसी थी
"अगूंठा लगवा ले ……"ह.… ह..... ही :-)
आज यकीं हो गया कि मैं कितना बुरा लिखती हू
एक्चुअली बहुत खुश हैं सो समझ नहीं आ रहा ज्यादा कुछ बस !!
भई क्या करू बात ही ऐसी हैं :-०
एनीवे थैंक यू yrf और भगवानजी ;-)
बस किसी की बुरी नजर ना लगे इन खुशियों को !!!!!!!
भई दोस्ती होती ही ऐसी हैं
4 comments:
"आज यकीं हो गया कि मैं कितना बुरा लिखती हू "
आज हमें भी यकीन हो गया कि आपका यकीं कितना गलत है :)
लिखते रहिये....नये मुकाम बनाते रहिये।
सादर
hmmmmmmmmmmm............
सुन्दर..
bahut-2 aabhar sir.....:-)
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