बेशक हम अपने मन को बहलाने के लिए कभी-कभार प्राउड कर सकते हैं कि हम एक लड़की हैं
पर बाबा उस पल दो पल की ख़ुशी पर मेरी उम्र बहुत भारी हैं
मुझे हमेशा अफ़सोस रहेगा कि उस खुदा ने मुझे एक लड़की बनाया
केवल कुछ औरतों को आजादी मिल जाने से बाकि आधी आबादी के बराबर
की औरतों की बेड़ियों को भी काट दिया गया हो जरुरी तो नहीं ??
अरे बाबा यहाँ पर तो लड़की के बोलने तक पर पाबन्दी लगा दी जाती हैं
कुछ करना तो बहुत दूर की बात हैं :(
किसी के टोकने या डाँटने पर बेचारी लड़कियां बेचारी कुछ नहीं बोलती हैं
बस चुपचाप वो उस जिल्लत के आंसू पीती रहती हैं
जो गुनाह बेचारी लड़कियां कभी करती ही नहीं हैं, वो उसका भी जुल्म बिना कुछ कहे सह लेती हैं
मैं पिछले कहीं सालों से विरोध कर रही हू किसी और के लिए नहीं केवल अपने ही लिए
और मेरे घर में मुझे इसका पूरा हक़ व अधिकार दिया भी गया हैं
यक़ीनन आपके पेरेंट्स का सपोर्ट आपके साथ हो तो
सारी कायनात भी खुद-बेखुद आपकी और हो ही जाती हैं
बहुत हद तक सोच बदल भी गयी हैं लड़कियों के कपड़ों से लेकर सोच व विचार तक.…
पर शायद अभी तो हक़ की लड़ाई बहुत अधूरी सी हैं
अभी तो बहुत जहर पीना बाकी हैं
अभी तो हर मोड़ पर अग्नि परीक्षा हम लड़कियों का इंतज़ार कर रही हैं
बेशक कभी ना कभी तो जलना ही हैं
i hate to me, my life, this society n this world.....
सही हैं हर दिन रविवार नहीं होता हैं इसलिए हर दिन खुशियाँ भी केवल हमारा ही इंतज़ार नहीं कर रही होती हैं जिसमें से लड़कियों का तो बिल्कुल भी नहीं
गॉड आप इतने निर्दयी नहीं हो सकते या तो दिला दो हम गर्ल्स को हमारा हक़ व अधिकार
या फिर आप भी इस दुनिया में आओ और देखो कुछ दिन हम लड़कियों की तरह जीकर
महसूस करो यहाँ की जिल्लत व घुटनभरी जिंदगी को थोड़ा आप भी
ताकि आपको भी तो पता चले कि आखिर लड़कियां इतने अधिकार क्यों मांगने लगी हैं
क्यूँ हर बात पर सिहर उठती हैं :(
हो गया ना रंग में भंग........
anyway wish u a very happy holi to all........
पर बाबा उस पल दो पल की ख़ुशी पर मेरी उम्र बहुत भारी हैं
मुझे हमेशा अफ़सोस रहेगा कि उस खुदा ने मुझे एक लड़की बनाया
केवल कुछ औरतों को आजादी मिल जाने से बाकि आधी आबादी के बराबर
की औरतों की बेड़ियों को भी काट दिया गया हो जरुरी तो नहीं ??
अरे बाबा यहाँ पर तो लड़की के बोलने तक पर पाबन्दी लगा दी जाती हैं
कुछ करना तो बहुत दूर की बात हैं :(
किसी के टोकने या डाँटने पर बेचारी लड़कियां बेचारी कुछ नहीं बोलती हैं
बस चुपचाप वो उस जिल्लत के आंसू पीती रहती हैं
जो गुनाह बेचारी लड़कियां कभी करती ही नहीं हैं, वो उसका भी जुल्म बिना कुछ कहे सह लेती हैं
मैं पिछले कहीं सालों से विरोध कर रही हू किसी और के लिए नहीं केवल अपने ही लिए
और मेरे घर में मुझे इसका पूरा हक़ व अधिकार दिया भी गया हैं
यक़ीनन आपके पेरेंट्स का सपोर्ट आपके साथ हो तो
सारी कायनात भी खुद-बेखुद आपकी और हो ही जाती हैं
बहुत हद तक सोच बदल भी गयी हैं लड़कियों के कपड़ों से लेकर सोच व विचार तक.…
पर शायद अभी तो हक़ की लड़ाई बहुत अधूरी सी हैं
अभी तो बहुत जहर पीना बाकी हैं
अभी तो हर मोड़ पर अग्नि परीक्षा हम लड़कियों का इंतज़ार कर रही हैं
बेशक कभी ना कभी तो जलना ही हैं
i hate to me, my life, this society n this world.....
सही हैं हर दिन रविवार नहीं होता हैं इसलिए हर दिन खुशियाँ भी केवल हमारा ही इंतज़ार नहीं कर रही होती हैं जिसमें से लड़कियों का तो बिल्कुल भी नहीं
गॉड आप इतने निर्दयी नहीं हो सकते या तो दिला दो हम गर्ल्स को हमारा हक़ व अधिकार
या फिर आप भी इस दुनिया में आओ और देखो कुछ दिन हम लड़कियों की तरह जीकर
महसूस करो यहाँ की जिल्लत व घुटनभरी जिंदगी को थोड़ा आप भी
ताकि आपको भी तो पता चले कि आखिर लड़कियां इतने अधिकार क्यों मांगने लगी हैं
क्यूँ हर बात पर सिहर उठती हैं :(
हो गया ना रंग में भंग........
anyway wish u a very happy holi to all........
6 comments:
aabhar sir..!!
जो लोग लड़कियों को (या जो लड़कियां खुद को ) अभिशाप समझती हैं उन्हें गूगल पर विश्व और भारत की महान नारियों के बारे में खोजना और पढ़ना चाहिये।
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएँ !
सादर
hehehehehhehe.........
wo to already hi mahan hain n main ek aam hi hu so yah bat aam nariyon ya girls ki hi h G.......:-)
क्यों खुद को आम समझती हैं आप ? मन के आईने मे खुद को देखिये और अपनी खासियत को महसूस कीजिये।
लडकियां अपना अधिकार मांगें कोई बुराई नहीं है इसमें ... बहुत अन्याय किया है समाज ने उनपर अभी भी कर रहा है ...
bahut-2 aabhar....sir....
khash ki sabhi log aap hi ki tarah sochein...:-)
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